Wednesday, November 28, 2018

"वक़्त " by Shubham Srivastava

''मेरे गले की राग''

मेरी उम्र बहुत ही छोटी थी, पर राग मेरे साथ थी, 
उस राग में मै रम गया जो राग मेरे साथ थी,

राग की मै रागिनी में चमकता था बहुत,
एक दिन ऐसा भी आया वो चमक अब दूर थी,

प्यारी राग की कमी  महसूस मै करने लगा , 
ना किसी को कह सका और ना ही खुद मै सह सका

वक़्त था जब गूंजती थी उनके अल्फाजो के सुर,
आज का वक़्त भी गजब है, चित्र है, वो सुर नहीं।।


मैं भी एक अजब इंसान हूँ,
परेशान हूँ पर खिलता गुलाब हूँ ,
आपका सन्देश न आये पर एक उम्मीद रखता हूँ 
आपका सन्देश आये तो बस एक ख्वाब समझता हूँ,
दिल खिल खिला उठता है आपसे गुप्तगू करके 
रोता भी खूब है रूसवा हो कर के ,,,,

Date-28/11/2018 00:54 am                                                    written by-shubham srivastava

Friday, November 16, 2018

"मां - बाप"


हर दिन नया हैं, हर सुबह है ताजे
रखे नई सोच और करे प्यार से बातें

समस्या का तो काम है आना,
हमारा काम है उसे सुलझाना,

हम चाहे तो समस्या बढ़ाए,
हम चाहे तो समस्या घटाए,

मां बाप ने बहुत मेहनत की हमे यहां तक लाने में,

अब हमारी जिम्मेदारी है उनकी खुशियां दिलाने में,

कभी मां बाप हमारी बड़ी से बड़ी गलतियां भी माफ़ करते थे 

अब बारी हमारी है , उनकी किसी भी गलती को माफ़ करने की,

बचपन में मां बाप हमारी जिदे पूरी करते थे ,

अब बारी हमारी है उनकी सारी जिदे पूरी करने की,

जब हम बच्चे थे तब मां बाप जवां होते है,

जब हम जवां होते है तो मां बाप बच्चे के समान होते है,

इस बात का ध्यान हमे रखना होगा,

हमारे जन्म के समय मां ने कितना दर्द शहा होगा,

 उस दर्द को महसूस कर के बच्चो एक बात समझना,

मां बाप को खुशी ना दो चलेगा,
पर उन्हें दर्द कभी मत देना,

मां बाप की कोशिश भी लाजवाब है,
 बच्चो की सफलता में सबसे बड़ा हाथ है,

मां बाप हमारे  लिए तब तक लगे रहते है 

जब तक कि बच्चे कहीं अच्छी जगह ना लग जाए,

अब अगर हम अच्छी जगह लग गए है ,

तो कम से कम 10, 12 साल उनकी देखभाल करने में लग जाए,

जरूरी नहीं कि मां बाप हमारे आज्ञा का पालन करे,

पर जरूरी ये है कि हम मां बाप की  आज्ञा का पालन करे,

जब हम बच्चे थे तो ना जाने कौन सी खुशी कुर्बान कर दी हमारी खुशी के लिए,

अब वक्त है कि हम अपनी खुशी के बजाय उनकी खुशियों पर ध्यान दे,

Written
By-shubham Srivastava

16/11/2018 01:28AM