Saturday, May 9, 2020

मै क्या सोचती हु तुम जान जाते


मेरे गले की राग 

जो लहरों  के आगे  तुम देख  पाते 
मै क्या सोचती  हु तुम जान जाते
कदम वो कदम जो तुम साथ आते 
मै क्या सोचती  हु तुम जान जाते,

मेरी आँखों के रंगो को पहचान जाते
तो उन रंगो को बाटने तुम साथ आते 
जो सपनो में मेरे तुम झाँक लेते  
मै क्या सोचती  हु तुम जान जाते,

अपनी आँखों का परदा जो हटा लेते 
तो साथ तेरा उम्र भर निभा देते
जो राहों  को मेरी पहचान जाते
 मै क्या सोचती  हु तुम जान जाते,


जो चमकते तारे  तुम पहचान  पाते
मेरी उड़ानों  को तुम जान पाते
तुम अपनी जिद को पहचान पाते
मै क्या सोचती  हु तुम जान जाते

Written by - Shurabhi Srivastava                                                    Published By- Shubham Srivastava 

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