मेरे गले की राग- A FEELING SHARED BY HARSHITA MALVIYA
जीवन के इस मोड़ पर एक मोड़ ऐसा भी आया है, जब साथ होक भी अपनों को कही दूर खड़ा पाया है
क्या है ये और कोरोना कब तक ऐसे ही हमें नचायेगा ,
अब बस भी करो भगवन कितनी और जान ले जायेगा
माना हमसे भूल हुवी बड़ी गंभीर नहीं काटने थे पेड़ नहीं मरने थे जानवर , पर भगवन इस बार कर दो माफ़ आगे से न होगी
ऐसी कोई भूल बड़ी, याद रखेंगे इस समय को मानकर अपना सबक और होने से पहले कोई भूल याद करेंगे ये सबक
आदमी जिसके रचनाकार तुम हो अब बनाया है हमे तो अपनी रचना को बचाओ प्रभु
एक आपका ही सहारा है , तुम्हारे बच्चो को प्रभु , जाए कहा तेरा हाथ छोड़कर , रास्ता दिखाना तो तुमको है प्रभु
हमारी नैया इस भवसागर से पार लगाओ ,इस कोरोना जैसी महामारी को हमारी हसती खेलती दुनिया से दूर भगाओ प्रभु
बहुत हो चूका प्रभु इस धरती पर अत्याचार, लाशें है पर जलाने को जगह नहीं
रिश्तेदार है परिवार है पर पास जाने का हक़ नहीं , अपने प्रियजनों को गले लगा नहीं सकते बहुत दुःख होता है प्रभु
अपनों को विदा दे नहीं सकते , कभी जो चार कंधे पे जाया करते थे अब उनके लिए कंधे भी तैयार नहीं , कपडे में किसी के सहारे शमशान पहुचाये जाते है , क्या इतने बुरे कर्म है हमारे या मरने वाले के जो मरने से पहले दो बूँद गंगा जल भी न पा सके मुँह में
इस डोर को काट दो प्रभु बस अब अपनी पतवार की डोर बाँध दो प्रभु
पार करा दो जीवन की नैया , आपका सहारा हो मेरे खेवैया.......................TO BE CONTINUE
6/5/2021 6PM PUBLISHED BY MERE GALE KI RAAG
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