"मेरे गले की राग"
चंद्रयान-२ और विक्रम लैंडर का प्यार.................
चाँद की खूबसूरती को देख विक्रम लैंडर न सम्हल पाया ,
चाँद की सतह पे पाँव रखते ही लड़खड़ाया ,
हड़बड़ाहट की थी जो चाँद को छूने की ,
तीसरा दिन है अब तक होश नहीं आया II
गर होश आ भी जाये लैंडर को, तो वो बेहोश हो जायेगा ,
क्योकि वो अपने आप को चाँद की गोंद में पायेगा ,
विक्रम अब तो दुआ कर, हाल ए दिल बयां कर दे पृथवी से,
ये वही चाँद है जो चक्कर लगा रहा है सदियों से,
ऑर्बिटर से देखी न गई दर्द लैंडर की, उसने भी कह दिया
खूब बाते कर लो दिल के अंदर की,
इसरो ने बड़े लाड प्यार से भेजा है शोध करने के लिए
प्यार से भी जरूरी कई काम है, प्यार सब कुछ नहीं जिंदगी के लिए II
Written by Shubham Srivastava Date-10/09/2019 2.05 AM