मेरे गले की राग
जो लहरों के आगे तुम देख पाते
मै क्या सोचती हु तुम जान जाते
कदम वो कदम जो तुम साथ आते
मै क्या सोचती हु तुम जान जाते,
मेरी आँखों के रंगो को पहचान जाते
तो उन रंगो को बाटने तुम साथ आते
जो सपनो में मेरे तुम झाँक लेते
मै क्या सोचती हु तुम जान जाते,
अपनी आँखों का परदा जो हटा लेते
तो साथ तेरा उम्र भर निभा देते
जो राहों को मेरी पहचान जाते
मै क्या सोचती हु तुम जान जाते,
जो चमकते तारे तुम पहचान पाते
मेरी उड़ानों को तुम जान पाते
तुम अपनी जिद को पहचान पाते
मै क्या सोचती हु तुम जान जाते
Written by - Shurabhi Srivastava Published By- Shubham Srivastava
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